(जो मेरी.. रूह को.. चैन दे....प्यार दे..
वो ख़ुशी...बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...) 2 times
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...) 2 times
(जिस्म से... जान तक... पास...आते गए...
इन निग़ाहों से... दिल में... समाते गए...) 2 times
जिस हसीं ख़्वाब की...थी तमन्ना मुझे...
हाँ, वही... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
जो मेरी..रूह को... चैन दे...प्यार दे...
वो ख़ुशी.. बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी.. बन गए हो तुम...
(हर किसी से जिसे..मैं छुपाती रही...
बेख़ुदी में जिसे...गुनगुनाती रही...) 2 times
मैंने तनहा कभी..जो लिखी थी वही..
इन निग़ाहों से... दिल में... समाते गए...) 2 times
जिस हसीं ख़्वाब की...थी तमन्ना मुझे...
हाँ, वही... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
जो मेरी..रूह को... चैन दे...प्यार दे...
वो ख़ुशी.. बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी.. बन गए हो तुम...
(हर किसी से जिसे..मैं छुपाती रही...
बेख़ुदी में जिसे...गुनगुनाती रही...) 2 times
मैंने तनहा कभी..जो लिखी थी वही..
शायरी... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम..
जो मेरी... रूह को.. चैन दे..प्यार दे...
वो ख़ुशी... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम..
ज़िन्दगी... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी.. बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम..
जो मेरी... रूह को.. चैन दे..प्यार दे...
वो ख़ुशी... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी...बन गए हो तुम..
ज़िन्दगी... बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी.. बन गए हो तुम...
ज़िन्दगी..बन गए हो तुम...